अम्बे माँ


अम्बे हे जगदम्बे मइया मुझ पर ये उपकार करो
भेद-भाव को छोड़ परे तुम मुझको भी स्वीकार करो

तेरे दर पर आकर मइया यही समझ में आया है
भेद-भाव का ढोंग ढकोसला तूने नही बनाया है
अम्बे हे जगदम्बे मइया मुझ पर ये उपकार करो
भेद-भाव को छोड़ परे तुम मुझको भी स्वीकार करो

सारी सृष्टि तेरा रूप है और हम तेरे अंग हैं
मूरख कहता अम्बे मइया तू बस उसके संग है
अम्बे हे जगदम्बे मइया मुझ पर ये उपकार करो
भेद-भाव को छोड़ परे तुम मुझको भी स्वीकार करो

जहाँ तलक भी दृष्टि जाती सभी जगह बस माता है
भेद भाव को करने वाला इसे समझ नहीं पाता है
अम्बे हे जगदम्बे मइया मुझ पर ये उपकार करो
भेद-भाव को छोड़ परे तुम मुझको भी स्वीकार करो

प्यार-प्रेम की जोत जलाकर भेद-भाव का नाश करो
ज्ञान की देवी बनकर मइया सभी दिलों में वास करो
अम्बे हे जगदम्बे मइया मुझ पर ये उपकार करो
भेद-भाव को छोड़ परे तुम मुझको भी स्वीकार करो



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