ये भी कोई बात है


कोई मुस्कुराये तो कोई आँसू बहाये।
 बताओ ऐसे मे ये सफर कैसे कट पाये।।
कोई अपना है या पराया कोई कैसे जाने।
जब तक न मिले कोई इशारा कोई कैसे करीब आये।।

चलो अब हम जुदा हो जाते हैं।
जो कभी पूरी न हुई वो दुआ हो जाते हैं।।
करीब आने की इजाजत तो कभी हमे मिली नहीं।
थोड़ा सा जलकर अब धुआँ हो जाते हैं।।

घुटन भरे माहौल मे अब जिया नही जाता।
उनके बगैर अब कुछ भी किया नहीं जाता।।
एक दिन इस जमाने को हम यहीं छोड़ जायेंगे।
जो सताते हैं हमे वो हाथ मलते रह जायेंगे।।A A

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